Kanpur nagar: जिले में विकास कार्यों और शासन की योजनाओं की पारदर्शिता व प्रभावी निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती दीक्षा जैन ने एक अनोखी पहल शुरू की है। 1 सितंबर 2025 से विकास भवन में एक कॉल सेंटर/कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसके जरिए अब ग्राम पंचायतों, गौशालाओं और विभिन्न विकास योजनाओं की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।
यह पहल kanpur nagar जनपद में पहली बार की गई है और इसे ग्रामीण विकास प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
कॉल सेंटर की स्थापना और उद्देश्य
Kanpur nagar के विकास भवन में स्थापित कंट्रोल रूम का संचालन पांच कर्मचारियों की टीम करेगी। इन कर्मचारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे नियमित रूप से ग्राम सचिवों, पंचायत सहायकों और गौशाला संचालकों से टेलीफोनिक वार्ता करें।
कॉल सेंटर से की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ:
ग्राम सचिवों की उपस्थिति की पुष्टि।
ग्राम पंचायत स्तर पर चल रहे विकास कार्यों की जानकारी लेना।
पंचायत सहायकों से डिजिटल क्राफ्ट सर्वे, ऑनलाइन आवेदन पत्र, फैमिली आईडी जैसी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट जुटाना।
गौशालाओं में तैनात गौपालकों से चारा, भूसा, पानी, दवा और बीमार पशुओं की स्थिति की जानकारी लेना।
शिकायतों का सीधा फीडबैक एकत्र करना।
अनुपस्थित कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई

मुख्य विकास अधिकारी ने साफ कहा है कि क्षेत्र में अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
1 सितंबर को ही कंट्रोल रूम से की गई मॉनिटरिंग में कई ग्राम पंचायत सचिव अपने निर्धारित क्षेत्र से अनुपस्थित पाए गए। इनमें घाटमपुर, बिल्हौर और बिधनू ब्लॉक के कई सचिव शामिल हैं।
घाटमपुर ब्लॉक – गोविंद्र सिंह, दिव्यांशु पांडेय और ओम नारायण
बिल्हौर ब्लॉक – अरुण कुमार सोनकर, मोहित कुमार सक्सेना और जितेंद्र कुमार
बिधनू ब्लॉक – नैन्शी शुक्ला, दीपा सिंह, रिचा त्रिपाठी, रिचा उमराव, अनुज मिश्रा और लंकुश वर्मा
सीडीओ ने इन सभी कर्मचारियों का 1 सितंबर का वेतन तत्काल रोकने के आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को दिए।
ग्राम पंचायत स्तर पर पारदर्शिता
सीडीओ दीक्षा जैन ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित योजनाओं से संबंधित प्रश्नोत्तरी (Questionnaire) तैयार करें। इसमें निम्न विषयों को शामिल किया जाएगा:
गौशाला संचालन की आधारभूत व्यवस्थाएँ।
प्राथमिक विद्यालयों का संचालन और मिड-डे मील की गुणवत्ता।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वच्छ पेयजल और साफ-सफाई।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की स्थिति।
इससे अधिकारियों को सीधा पता चलेगा कि गांवों में योजनाएँ किस स्तर तक लागू हो रही हैं और उनकी वास्तविक स्थिति क्या है।
गौशालाओं की निगरानी
कंट्रोल रूम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अब गौशालाओं की स्थिति की जानकारी भी सीधे मिल सकेगी। कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे गौशाला में तैनात गौपालकों से हर दिन बात करें और यह पता लगाएँ कि वहां पर चारा, भूसा, दवा और पशुओं की देखभाल की स्थिति कैसी है।
यदि कहीं पर कमी या लापरवाही पाई जाती है तो उसकी रिपोर्ट तुरंत खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भेजी जाएगी।
पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने का प्रयास
कॉल सेंटर की यह पहल सिर्फ निगरानी भर नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना भी है। अब तक कई बार यह शिकायतें सामने आती रही हैं कि ग्राम सचिव और पंचायत सहायक अपने क्षेत्र में समय से नहीं पहुँचते या योजनाओं को लेकर सही जानकारी नहीं देते।
अब इस कंट्रोल रूम के जरिए प्रतिदिन उनकी उपस्थिति और कार्यों की मॉनिटरिंग होगी। इससे न केवल शासन की योजनाओं में पारदर्शिता आएगी बल्कि ग्रामीणों को भी वास्तविक लाभ मिलेगा।
प्रशासनिक सख्ती का संदेश
मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन की योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मचारियों पर वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इससे स्पष्ट संदेश गया है कि अब विकास कार्यों और कर्मचारियों की गतिविधियों पर सीधी निगरानी होगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष
कानपुर नगर में कॉल सेंटर आधारित यह पहल विकास कार्यों की डिजिटल मॉनिटरिंग का नया मॉडल बन सकती है। यदि यह व्यवस्था नियमित रूप से चलती रही तो शासन की योजनाओं में तेजी आएगी और जनता तक वास्तविक लाभ पहुँचेगा।
मुख्य विकास अधिकारी का यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में न केवल नवाचारपूर्ण पहल है बल्कि यह पूरे प्रदेश में अन्य जिलों के लिए भी एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित हो सकता है।
Good job
ककवन ब्लॉक के अनुपस्थित की डिटेल नहीं….?