Kanpur छात्र संघ बहाली मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को जिलाधिकारी कानपुर से मिला और निजी शैक्षणिक संस्थानों में व्याप्त अवैध वसूली व भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। संगठन ने आरोप लगाया कि अधिकांश निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों से मनमाने ढंग से फाइन वसूला जाता है। इतना ही नहीं, जब कोई छात्र इस व्यवस्था का विरोध करता है तो उसके साथ मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीड़न किया जाता है, यहां तक कि कई मामलों में छात्रों को निष्कासित भी कर दिया जाता है।
छात्रों ने रखी ये प्रमुख मांगें
छात्र संघ बहाली मोर्चा ने ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन से कई मांगें उठाईं, जिनमें शामिल हैं:
निजी शैक्षणिक संस्थानों में अवैध फाइन और जबरन धनवसूली की प्रथा को तत्काल समाप्त किया जाए।
शासन/प्रशासन की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन जारी की जाए कि किसी भी संस्थान को छात्रों से अवैध शुल्क या फाइन लेने का अधिकार नहीं होगा।
प्रत्येक मान्यता प्राप्त निजी संस्थान में जिला प्रशासन का एक अधिकृत प्रतिनिधि नियुक्त किया जाए, जो नियमित रूप से संस्थान की कार्यप्रणाली की निगरानी करे।
जिन संस्थानों पर भ्रष्टाचार या अवैध वसूली की शिकायत मिले, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
एक विशेष जांच समिति गठित की जाए, जो सीधे छात्रों से संवाद करके अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपे।
UGC और AICTE की गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
सभी निजी संस्थानों में छात्र शिकायत निवारण सेल की स्थापना की जाए।
बिना गाइडलाइन के लगाए गए सभी प्रकार के फाइन को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
जिलाधिकारी का आश्वासन
Kanpur जिलाधिकारी महोदय ने छात्रों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि निजी शैक्षणिक संस्थानों में अवैध वसूली और मनमानी के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्यवाही की जाएगी।
छात्रसंघ बहाली पर भी हुई चर्चा
छात्र संघ बहाली मोर्चा ने पूर्व में दिए गए ज्ञापन के संदर्भ में भी जिलाधिकारी से जानकारी मांगी। इस पर डीएम ने बताया कि ज्ञापन संबंधित अधिकारी को भेजा जा चुका है और जल्द ही इस पर भी ठोस कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिनिधि मंडल में रहे शामिल
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में अभिजीत राय, अनस शाहू, शरद कनौजिया, पुष्पांशु सिंह, अंशुमान त्रिपाठी, सुधांशु यादव, श्रेयश द्विवेदी सहित कई छात्र नेता शामिल रहे।
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