हमीरपुर में यमुना पुल के 48 घंटे बंद होने से नहीं मिल सका समय पर इलाज, पिता ने एक्सपायर दवा देकर बचाने की कोशिश की, इलाज के अभाव में मासूम की मौत
हमीरपुर:
यमुना नदी पर बने पुल के मरम्मत कार्य के कारण 48 घंटे के लिए ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया था। इस यातायात बाधा ने एक मासूम की जान ले ली। सोशल मीडिया पर एक हृदयविदारक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक गरीब पिता नसीम अपने बीमार बेटे जुनैद को गोद में लेकर दौड़ते हुए यमुना पुल पार करता नजर आता है।
पूरा मामला हमीरपुर के पटकाना मोहल्ला का है, जहां रहने वाले कबाड़ का काम करने वाले नसीम के बेटे जुनैद को तेज बुखार था। इलाज के पैसे न होने पर पिता ने अनजाने में घर में रखी एक्सपायर दवा दे दी। हालत बिगड़ने पर गांव वालों ने चंदा कर 20,000 रुपये इकट्ठा किए, जिससे वह रविवार शाम बेटे को अस्पताल ले जाने निकला।
लेकिन दुर्भाग्यवश, शनिवार सुबह से ही यमुना पुल 48 घंटे के लिए बंद था, जिससे किसी भी वाहन का निकलना मुमकिन नहीं था। मजबूर होकर नसीम अपने बेटे को गोद में लेकर लगभग 600 मीटर लंबा पुल पैदल दौड़ते हुए पार किया।
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर किया, लेकिन वहां भी राहत न मिलने पर सोमवार को कानपुर के हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर शाम लगभग 4 बजे जुनैद की मौत हो गई।
जुनैद चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा और पहली कक्षा का छात्र था। पिता नसीम का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना ने सिस्टम की लाचारी और गरीबों की बेबसी को फिर से उजागर कर दिया है।