Lucknow: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकारी गाड़ियों का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीडिंग के मामले में करीब आठ लाख रुपये का चालान किया गया है। यह मामला शुक्रवार को सुर्खियों में तब आया जब अखिलेश यादव ने सपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की साजिश है।
मामला क्या है?
यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव के काफिले की गाड़ियां एक्सप्रेस वे पर निर्धारित गति सीमा से अधिक स्पीड में चल रही थीं। नियमों के उल्लंघन पर इन गाड़ियों का चालान काटा गया जिसकी कुल राशि लगभग ₹8,00,000 तक पहुंच गई। यह आंकड़ा देखकर न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई।
अखिलेश यादव का पलटवार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सपा lucknow सपा कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र में विपक्ष को कमजोर करने के लिए हर तरह की साजिश रच रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“भाजपा सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चालानों का खेल खेल रही है। यह सब सिर्फ हमें बदनाम करने और हमारी आवाज दबाने का प्रयास है।” अखिलेश यादव ने कहा कि चालन पार्टी इंस्टीट्यूशन से भर दिया जाएगा । और बीजेपी पर तंज कसते हुए ये भी कहा कि चालन करने वाला व्यक्ति भी बीजेपी का ही होगा । हम इसका पता जरूर लगाएगें।
उन्होंने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा है। अखिलेश ने सवाल उठाया कि जब एक्सप्रेस वे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं, तो उस पर लगाम लगाने के बजाय उनकी गाड़ियों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा की ओर से इस मामले पर पलटवार भी किया गया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और अगर किसी ने नियम तोड़ा है तो कार्रवाई होगी। भाजपा प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा, “सपा हमेशा से कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर राजनीति करती आई है। यदि चालान काटा गया है तो यह पूरी तरह नियमों के मुताबिक है।”
सोशल मीडिया पर गरमा-गरमी
यह खबर सामने आते ही ट्विटर (X) और फेसबुक पर तेज बहस छिड़ गई। सपा समर्थक इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे “कानून का राज” बताकर सही ठहरा रहे हैं।
विपक्षी राजनीति में नया विवाद
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला उत्तर प्रदेश की सियासत को और ज्यादा गरमाने वाला है। पहले से ही सपा और भाजपा आमने-सामने हैं, ऐसे में आठ लाख रुपये का चालान आने वाले दिनों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
जनता का सवाल
जनता के बीच भी इस खबर ने जिज्ञासा बढ़ा दी है। लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर एक आम आदमी ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो तुरंत जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन बड़े नेताओं के मामले में यह रकम लाखों में जाकर क्यों जुड़ती है?
निष्कर्ष
अखिलेश यादव की गाड़ियों पर ओवरस्पीडिंग का आठ लाख रुपये का चालान सिर्फ एक ट्रैफिक उल्लंघन का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह अब सियासी मुद्दा बन चुका है। सपा इसे भाजपा की साजिश बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानून का पालन मान रही है। अब देखना होगा कि यह विवाद आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।
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